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आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम के बाहरी इलाके में स्थित एलजी पॉलिमर फैक्ट्री से गैस रिसाव होने से कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई। भारत में कानून ऐसी रासायनिक आपदाओं के शिकार लोगों को सुरक्षा प्रदान करता है।

यहाँ इन कुछ प्रावधानों पर एक नज़र है:

• भोपाल गैस रिसाव (दावों का प्रसंस्करण) अधिनियम, 1985 केंद्र सरकार को भोपाल गैस त्रासदी से जुड़े या उससे जुड़े दावों को सुरक्षित करने की शक्तियाँ प्रदान करता है।

• पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 पर्यावरण को बेहतर बनाने और मानकों को निर्धारित करने और औद्योगिक इकाइयों का निरीक्षण करने के लिए केंद्र सरकार को अधिकार देता है।

• सार्वजनिक देयता बीमा अधिनियम, 1991 एक ऐसा बीमा है जो खतरनाक पदार्थों को संभालने के दौरान होने वाली दुर्घटनाओं से प्रभावित व्यक्तियों को राहत प्रदान करने के लिए है।

• राष्ट्रीय पर्यावरण अपीलीय प्राधिकार अधिनियम, 1997 के तहत, राष्ट्रीय पर्यावरण अपीलीय प्राधिकार (NEAA) उन क्षेत्रों के प्रतिबंध के संबंध में अपील सुन सकता है जिनमें किसी भी उद्योग को पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986  के तहत नही चलाया जाएगा या कुछ सुरक्षा उपायों पर्यावरण ,संरक्षण अधिनियम 1986  के तहत के अधीन ही चलाने की अनुमति होगी।

• राष्ट्रीय हरित अधिकरण, 2010, पर्यावरण संरक्षण और वनों के संरक्षण से संबंधित मामलों के शीघ्र निपटान के लिए एक राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण की स्थापना का प्रावधान करता है।

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